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मेरे जीवन के कुछ स्वर्णिम घड़ियां ... कोटि प्रणाम महाराज जी, कोटि प्रणाम! डॉ सोम घोष

मेरा नमन:
पद्मा विभूषित, स्वर्गीय पंडित बिर्जू महाराज मेरे यादों मे सदैव नृत्य सम्राट रहेंगे। मुझे यह मालूम है की वे इतनी सुंदर भाव प्रदर्शन करते थे क्यों की वे बहुत ही सुंदर गाते थे। 
मुझे याद है मेरे जीवन का पहला कॉन्सर्ट मुंबई  में, जब मैंने बनारस घराने की गायकी प्रस्तुत की थी, महाराज जी ने लखनऊ घराने की गायकी प्रस्तुत की थी। सारा ऑडियंस झूम उठा था उनके गायन से।
जब मैंने पहली बार "दरबारी महफिल " प्रस्तुत किया था, तब भी महाराज जी मेरे साथ थे। Taj hotel का वो नजारा अविस्मरणीय है। 
और जब पंडित किशन महाराज गुजर गए थे, तब उनको श्रद्धांजलि देते हुए, मैने अप्पा जी (श्रीमती गिरिजा देवी जी) और महाराज जी को मुंबई में "बाणगंगा कॉन्सर्ट" में बुलाया था। उनकी गायन और नृत्य के बीच उन्होंने मुझे स्टेज पर बुला लिया था। अप्पाजी और मेरे गायन के साथ, महाराज जी ने, नृत्य और भाव प्रस्तुत किया था। दर्शक मंत्रमुग्ध थे और हम भी!!
मेरे जीवन के कुछ स्वर्णिम घड़ियां ... कोटि प्रणाम महाराज जी, कोटि प्रणाम!